INDICATORS ON SHIV CHALISA LYRICSL YOU SHOULD KNOW

Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know

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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

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कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का Shiv chaisa निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

शिव आरती

सोमवार को शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा Shiv chaisa के माध्यम से आप अपने सारे दु:खों को भुलाकर भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते more info हैं। भगवान शिव की सभी स्तुतियों में शिव चालीसा को श्रेष्ठ और कल्याणकारी माना गया है। खासतौर पर महाशिवरात्रि पर या श्रावण मास में श्री शिव चालीसा का पाठ करने व सुनने से घर में सुख-शांति, धन-वैभव और प्रेम की वृद्धि होती है और शिव समस्त कामना पूर्ति का वरदान देते हैं।

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